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रविवार, 25 सितंबर 2016

माता की भेंट -----6

सुन मइया सुन मेरी विनती को सुन 
हमसे जो भूल हुई माफ़ करो तुम 

दूर करो सारे भरम दास पे करदो करम 
बिगड़ी बनादो मेरी मिट जाए मन का भरम 
तेरे द्वारे आऊँगा शीश झुकाऊँगा 
शीश झुकाके तेरी महिमा मैं गाऊँगा 
दर्श दिखादे मेरा तरसे है मन ---------------------सुन मइया सुन

 मैं गुनहगार मइया  बिगड़ी सँवार तो दो 
दर पे खड़ा हूँ तेरे थोड़ा मुझे प्यार दो 
तेरे द्वारे आऊँगा जोत जलाऊँगा 
जोत जलाके तेरे गुण मइया गाऊँगा 
मुझको लगी है तेरे नाम की लगन -----------------सुन मइया सुन

चंचल है मेरा मन करदे तू थोड़ा करम 
जीवन बनादो मेरा हो जाएं दूर माँ गम 
चरणों में आऊँगा शीश झुकाऊँगा 
बनके दीवाना तेरी महिमा मैं गाऊँगा 
चरणों में तेरे सदा बीते ये जीवन -------------------सुन मइया सुन
@मीना गुलियानी 

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