तेरे द्वार पे आने वालो की तकदीर बदलते देखी है
@मीना गुलियानी
हमने तो अपनी आँखों से तदबीर बदलते देखी है
दुःखियों पे लुटाते दया अपनी भक्तो से करते प्यार तुम्ही
हर पल की रखते खबर तुम्ही तेरी कृपा की न पाई कमी
चमक दो मेरी भी किस्मत हस्ती ये बदलती देखी है
बख्शो तुम मेरे गुनाहों को कुछ नज़र कर्म भी तो कर दो
जीवन को सुधारूँ मैं अब तो कुछ दया की वर्षा कर भी दो
इस जन्म मरण के चक्कर से दुनिया ये निकलते देखी है
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