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सोमवार, 26 सितंबर 2016

माता की भेंट -----8

तुझे छोड़ कहाँ जाऊँ माँ , मैंने ढूँढा ये सारा जहान है
अब तो ये सारा जीवन , मैंने लिख दिया तेरे नाम है 

तेरे बिना मैं चैन न पाऊँ , रोते रोते वक्त कटे 
हर पल तेरी याद में गुज़रे दिन बीते यूं ही रात कटे 
यूं ही जीवन बिताऊं सुबो -शाम है ,तेरे बिन कहाँ आराम है 

जाने कौन सी गलती पर तू ,रूठ गई है अब मुझसे 
हूँ नादान तेरा बच्चा माँ, अब तो मान जा माँ मुझसे 
तेरे चरणों में मेरा प्रणाम है ,यही विनती करूँ आठों याम है 

माँ-बेटे का पावन नाता, हर नाता अब झूठा  है 
तुझको अपना माना मैंने , हर नाता अब झूठा है 
दुनिया स्वार्थ का नाम है , सबको पैसे से काम है 
@मीना गुलियानी 

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