तुमको गर ऐतबार आ जाए
जिंदगी में बहार आ जाए
दिल पे मुझको तो ऐतबार नहीँ
इसको भी तो ज़रा करार नहीँ
दिल पे गर इख्तियार आ जाए
कुछ मै तुमसे कह नही सकता
बिन तुम्हारे मै रह नहीँ सकता
तुमको गर ऐतबार आ जाए
क्या करूँ तुमको गर यकीन न हो
कैसे समझाऊँ मै गमगीन न हो
काबू में जो बेकरार आ जाए
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