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बुधवार, 2 दिसंबर 2015

मेरी तारों की चुनरिया



चमकने लगी मेरी तारों की चुनरिया
हीरे मोती जड़ी मेरी रंगदे चुनरिया

                पिया मोरे तू रंगा दे
                रंग में अपने तू सजा दे

पास आके तेरे ख्वाब सजने लगे
दिल में उल्फ़त भरे गीत जगने लगे
जाएं बहक  न हम तू उढ़ा दे चुनरिया

                 पिया मोरे तू रंगा दे
                 रंग में अपने तू सजा दे

डाली से गिरा मै तो इक फूल हूँ
दुनिया की आँखों में मै तो शूल हूँ
अपनाओ मुझे बरसूँ बनके बदरिया

               पिया मोरे तू रंगा दे
                रंग में अपने तू सजा दे


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