Meena's Diary
यह ब्लॉग खोजें
बुधवार, 2 दिसंबर 2015
तेरा साथ
तेरा साथ हम तो न छोड़ेंगे सनम
उठाने पड़ें चाहे कितने सितम
तेरे लिए हमको है मरना गवारा
जीना है क्या जब न हो तेरा सहारा
है पल वही प्यारा जहाँ संग तू सनम
तेरी वफ़ा का हमें मिले जो सहारा
वो पल है सुहाना जीवन संवरे हमारा
खुशियो से भरदो तुम मेरा दामन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें