कोई मुझसे पूछे की हकीकत क्या है
मेरे अश्कों से पूछो कि जुस्तजू क्या है
दर्दे दिल कुरेदने से क्या मिलेगा तुम्हे
आशियाँ जल चुका राखे जुस्तजू क्या है
क्यों रोंदते हो पैरों तले मेरी तस्वीर को
गिरके संभला है दिल अब आरजू क्या है
हमीं से प्यार करते हो ठुकराते भी हो
तुम्हीं कहदो ये गुफ्तगू क्या है
न चैन लेने देंगीकभी तुझे ये बदुआएं मेरी
कब्र में सोने भी नहीँ देते माजरा क्या है
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