आजा चोरी चोरी पलको में बन्द कर लूँ
फिर दिल में बिठाके बातें चंद कर लूँ
दिल में बसके बोलो कैसे तुम जाओगे
पलकों में समाके हमें भूल तो न जाओगे
पलकें खोलूँगी न आँखे ज़रा बंद करलूँ
दिल का हाल तुम खुद ही जान जाओगे
छोड़के मुझको बोलो कैसे अब तुम जाओगे
बच न पाओगे रास्ता जो बंद कर लूँ
खोलूँगी न पलकें तुम लाख बुलाओ
जानती हूँ भेद तेरे अब न सताओ
आँखे चोरी चोरी खोलूँ फिर बंद करलूँ
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