अब हमे रूठे पिया को मनाना होगा
देर से ही सही ये फर्ज निभाना होगा
आपसे रूठके हम तो क्या ख़ाक जिए
कई इल्जाम लिए और सौ इल्जाम दिए
आज के बाद हमे रिश्ता निभाना होगा
देर से आज ये जाना कि मुहब्बत क्या है
अब हमे सोने और चाँदी की जरूरत क्या है
प्यार से बढ़के भला कोई न गहना होगा
दिल हमारा तेरे ही प्यार में मगरूर रहा
जिंदगी भर तेरे ही प्यार में मशगूल रहा
अब हमे प्यार का हर कर्ज चुकाना होगा
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