१. तुम पास नही तो क्या हुआ
तुम्हारी याद के लिए तस्वीर तो है
तुम साथ न भी हो तो क्या हुआ
मेरे साथ मेरी तकदीर तो है
२ . किसी विडंबना जीवन की किसी ये लाचारी
चिढ़ता जिनसे अन्तर्मन करनी पड़ती यारी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें