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मंगलवार, 15 दिसंबर 2015

दिल धड़कता है




दिल तेरे आने से धड़कता है
वरना सूखे पत्ते सा खड़कता है

                 निर्जीव सी देह में जान आ गई
                 तेरे आने से फ़िज़ा में बहार आई

दिल की कली तेरे आने से चटकी है
मन की उमंगे भी आज चहकी है

               हवाओं ने मौसम खुशगवार किया है
               गुलशन तेरे आने से गुलज़ार हुआ है 

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