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सोमवार, 7 दिसंबर 2015

तारों की चुनरिया



चमकने लगी मेरी तारों  की चुनरिया 
हीरे मोती जड़ी मेरी रंगदे चुनरिया 

            पिया मोरे तू रंगा दे 
            रंग में अपने तू सजा दे 

पास आके तेरे ख़्वाब सजने लगे 
दिल में उल्फ़त भरे गीत जगने लगे 
बहक न  जाएं हम तू ओढ़ा दे चुनरिया 

            पिया मोरे तू रंगा दे 
            रंग में अपने तू सजा दे 

डाली से गिरा एक मै तो इक फूल हूँ 
दुनिया की आँखों में मै तो शूल हूँ 
अपनाओ मुझे बरसूँ बनके बदरिया 

            पिया मोरे तू रंगा दे 
           रंग में अपने तू सजा दे 

 

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