सांसो में तेरी खुशबु सी आने लगी है
फ़िज़ाओं में मस्ती सी छाने लगी है
हवाओं ने भेजा हे पैगाम तेरा
सरगम जिसे गुनगुनाने लगी है
फूलों से पत्ते पत्ते से पूछा
हवाएं भी संदेश लाने लगी है
भीगा बदन है बिखरी लटें है
चुनरिया मेरी लहराने लगी है
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