तर्ज -----तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ
बाबा तेरा दर्शन पाना चाहती हूँ चरणों में जीवन बिताना चाहती हूँ
तेरा नाम अपने मन में बसाकर
प्रेम की ज्योति दिल में जगाकर
आंसुओ की माला तुम्हें पहनाकर
तेरे प्यार को आज पाना चाहती हूँ चरणों में जीवन बिताना चाहती हूँ
तेरे साथ रिश्ता है सदियों पुराना
बाबा जी तुम मेरा साथ निभाना
साथ हमारा छोड़ न जाना
किस्मत अपनी जगाना चाहती हूँ चरणों में जीवन बिताना चाहती हूँ
तेरा दर बाबा जी है सबसे आला
अँधेरे में भी जो करदे उजाला
बसी दिल में मूर्त बना है शिवाला
हर पल ही दर्शन पाना चाहती हूँ चरणों में जीवन बिताना चाहती हूँ
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