बोओगे जैसा भी बीज तरु वैसा लहरायेगा
@मीना गुलियानी
जैसा तुम करोगे वैसा फल भी आगे आएगा
कुएँ में इक बार कुछ भी बोलके तो देखिये
जैसा कहोगे आपको वैसा ही वो भी सुनाएगा
जोड़ोगे तुम हाथ खुद तो दर्पण बिम्ब भी जोड़ेगा
चांटा दिखाओगे अगर तो झट चांटा दिखलायेगा
काँटा बनोगे तुम किसी की राह में उड़कर अगर
काँटा बनकर एक दिन तुमको वो भी सताएगा
थूकोगे गर नादाँ होकर आप आफताब पर
वापिस गिरेगा मुँह के आगे जग हँसी करवाएगा
चाहते है लोग तुमको जानना तुमको अगर
अपने दिल से पूछिए वो खुद बी खुद बतलायेगा
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