यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 4 जुलाई 2016

भजनमाला ---67

उम्र का पंछी उड़ता जाता 
क्यों प्राणी प्रभु नाम न  गाता 

किसे पता है कल क्या होगा 
पता नहीं किस पल क्या होगा 
कालचक्र चलता मदमाता 

आज कहे कल नाम रटूंगा 
कल आये फिर कल जप लूँगा 
बीता कल कभी लौट न आता 

कच्ची साँसों की ये आशा 
कर  जाए कब बंद तमाशा 
तू मूर्ख मन क्यों भरमाता 
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें