यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 19 जुलाई 2016

भजनमाला ---------92

तू आये न आये तेरी ख़ुशी हम आस लगाए बैठे है 
तेरी याद बसी मेरे मन में हम नैन बिछाए बैठे है 

करते हम निशदिन याद तुझे जाने कब करोगे पार मुझे 
सारे जग के पालनहार तुम्ही दुनिया के सताए बैठे है 

तुम दुनिया के रखवाले हो मेरी बिगड़ी बनाने वाले हो 
कब लोगे आकर सुध मेरी हम ध्यान लगाए बैठे है 

मांगू मै तुमसे भीख यही तू अपनी कृपा बरसा तो सही 
दे दर्श मुझे मत देर लगा सुख चैन गंवाए बैठे है 

मेरे सतगुरु क्यों अनजान बने मेरे गम की है पहचान तुम्हे 
मेरी किश्ती को तू किनारे लगा मंझधार के साये बैठे है 

हे दीनबन्धु हे दयासिन्धु हो अनाथो के तुम ही कृपासिंधु 
हे परमेशवर तुम दया करो जग के ठुकराए बैठे है  
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें