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शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

सदाओं ने पुकारा मुझे

कितनी फुरसत से खुद ने तराशा तुझे
लाल हीरे मोतियों से नवाज़ा है तुझे

तेरे तिलिस्म के कायल हम हो गए
माँगा है हर दुआ में खुदा से तुझे

न चाह रही अब जन्नत की मुझे
कितनी हसरतो से मैंने चाहा तुझे

मुझको बेवफाई का  इल्ज़ाम न देना
हर ख़ुशी रंजो-गम में पुकारा तुझे

तोहमतें तो जहाँ ने लगाई इस कदर
ढूंढा उनकी जफ़ाओं में भी तुझे

उभर न पाया कशमकशे जिंदगी से
तेरी उल्फ़त की सदाओं ने पुकारा मुझे
@मीना गुलियानी 

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