रे मन सम्भल सम्भल पग धर रे अंतर आँखे खोल
ऊबड़ खाबड़ मांस भू पर , कदम न जाए डोल
देख पड़े है पथ में रोड़े क्रोध मान पद लोभ
मोह महीधर देख बीच में मत करना मन क्षोभ
इनकी राह अलग है तेरी, अन्तर राह टटोल
देख सतर्क बने रहना मत करना इनसे छेड़
ज्ञाता द्रष्टा साक्षी भावे रहकर इन्हें खदेड़
ये जड़ नश्वर सतत विनश्वर तेरा मोल अमोल
@मीना गुलियानी
ऊबड़ खाबड़ मांस भू पर , कदम न जाए डोल
देख पड़े है पथ में रोड़े क्रोध मान पद लोभ
मोह महीधर देख बीच में मत करना मन क्षोभ
इनकी राह अलग है तेरी, अन्तर राह टटोल
देख सतर्क बने रहना मत करना इनसे छेड़
ज्ञाता द्रष्टा साक्षी भावे रहकर इन्हें खदेड़
ये जड़ नश्वर सतत विनश्वर तेरा मोल अमोल
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