पास बैठो ज़रा चैन मिल जाएगा
वक्त केसा भी हो वो गुज़र जाएगा
दूर हमसे न होना गर भूल हो
माफ़ करना मेरी भूल चूक को
दिन थमेगा नहीं वक्त ढल जाएगा
तुम तो यूं ही सदा मुस्कुराया करो
पलकें आँसुओ में न डुबाया करो
जुल्फें संवरे तो चंदा निकल आएगा
गेसुओं में छुपा लो हर इक राज़ को
को वक्त नाज़ुक कहीं न पर्दा फाश हो
शमा रहते ही परवाना जल जाएगा
@मीना गुलियानी
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