कोई समझे भक्त सुजान राम नित कृपा करते है
कभी कोमल हाथ प्रभु का कभी बोझल हाथ प्रभु का
सब भांति करें कल्याण पग पग रक्षा करते है
कभी धन सत्ता बरसाते कभी दीनता दे तरसाते
कभी सुख दे स्वर्ग समान कभी दुःख दुविधा देते है
कभी ज्ञान प्रभु जी देते कभी बुद्धि ही हर लेते
कभी रखकर मूढ़ अजान वो खुद पथ सीधा करते है
है रूप अनेक कृपा के कभी जय कभी हार कराते
प्रभु का निर्दोष विधान देखो कब क्या करते है
@मीना गुलियानी
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