भक्ति की यह तो रीत नही
मन और कहीँ तन और कहीँ
मोह ममता ने पर्दा डाला
लहराती आँखों में माया
तू हाथ में माला ले बैठा
मन में भगवान की प्रीत नहीँ
मानव विषयों में झूम रहा
मानव पापों में घूम रहा
मन को तू कैसे समझाये
इस दाव में तेरी जीत नहीँ
@मीना गुलियानी
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