यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 23 जुलाई 2016

भजनमाला ---------99

जिया दुखेगा रे कड़वा न बोल पंछी कड़वा न बोल 
छोटी सी जिंदगी है अमृत में तू विष को न घोल 

वशीकरण इक मंत्र है बोली प्यारी प्यारी रे 
तीखा वचन तीर है भाई कड़वा वचन कटारी रे 
बोले तो बोल पहले मन के कांटे पे तोल रे 

भूले भटके भी कभी न किसी को दे गाली रे 
सबको पिला सदा खुश होके  सुधारस प्याली रे 
आनंद बढ़ाने वाले वचन अमोल तू बोल रे 

एक वचन महाभारत करवाने वाला 
एक वचन है शान्ति पहुँचाने  वाला 
फूल बरसाते हुए मानव तू मुखड़ा खोल रे 
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें