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बुधवार, 20 जुलाई 2016

भजनमाला ----------95

रात भर का है डेरा -------रे  सवेरे जाना है 
ये जग है सराय 
कोई आये कोई जाए 
है ये जोगी वाला फेरा ---रे सवेरे जाना है 

राजपाट ये महल अटारी 
दौलत माल खज़ाना रे 
चलती बेरिया संग न जाए 
फिर काहे इतराना 
न ये तेरा है न मेरा------ रे सवेरे जाना है 

सांस का पंछी कब उड़ जाए 
कोई जान न पाये 
कब जाने माटी की काया 
माटी में मिल जाए 
तेरा वहीं है बसेरा -------रे सवेरे जाना है 
@मीना गुलियानी 

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