रात भर का है डेरा -------रे सवेरे जाना है
ये जग है सराय
कोई आये कोई जाए
है ये जोगी वाला फेरा ---रे सवेरे जाना है
राजपाट ये महल अटारी
दौलत माल खज़ाना रे
चलती बेरिया संग न जाए
फिर काहे इतराना
न ये तेरा है न मेरा------ रे सवेरे जाना है
सांस का पंछी कब उड़ जाए
कोई जान न पाये
कब जाने माटी की काया
माटी में मिल जाए
तेरा वहीं है बसेरा -------रे सवेरे जाना है
@मीना गुलियानी
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