दूर करो दुःख दर्द सब , दया करो भगवान
मन मंदिर में उज्ज्वल हो, तेरा निर्मल ज्ञान
जिस घर में हो आरती, चरणकमल चित्त लाये
तहाँ हरि वासा करें , जोत अनन्त जगाए
जहाँ भक्त कीर्तन करें , बहे प्रेम दरियाव
तहाँ हरि श्रवण करें , सत्यलोक से आव
सब कुछ दीन्हा आपने, भेंट क्रू क्या नाथ
नमस्कार की भेंट लो, जोड़ूँ मै दोनों हाथ
@मीना गुलियानी
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