ओ पपीहे तू क्यों इतना मुझे रुलाता है
जुबां पे तेरी पी पी नाम किसके लिए आता है
सदा ये दर्द- ओ -गम किसको तू सुनाता है
जो खुद ही दर्द-मंद हों उनको तू क्यों सताता है
जो खुद ही जल रहे है क्यों उनका जी जलाता है
तू ये रोज़ आंसू किसके लिए बहाता है
जो सुनता नहीं क्यों दर्द अपना उसे बताता है
जा रुखसत ले जहाँ से न बर्बाद कर जिंदगी
यहाँ कारवां मुहब्ब्त का तेरा लुटा जाता है
कहीं दूर आशियाँ बसाले अपना जहाँ सुकूँ का निशां
बसाले बस्ती वहाँ ख़ुशी के नगमे कोई गुनगुनाता है
@मीना गुलियानी
जुबां पे तेरी पी पी नाम किसके लिए आता है
सदा ये दर्द- ओ -गम किसको तू सुनाता है
जो खुद ही दर्द-मंद हों उनको तू क्यों सताता है
जो खुद ही जल रहे है क्यों उनका जी जलाता है
तू ये रोज़ आंसू किसके लिए बहाता है
जो सुनता नहीं क्यों दर्द अपना उसे बताता है
जा रुखसत ले जहाँ से न बर्बाद कर जिंदगी
यहाँ कारवां मुहब्ब्त का तेरा लुटा जाता है
कहीं दूर आशियाँ बसाले अपना जहाँ सुकूँ का निशां
बसाले बस्ती वहाँ ख़ुशी के नगमे कोई गुनगुनाता है
@मीना गुलियानी
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