आदमी को अगर आदमी की तरह आदमियत न आये तो वो क्या करे
मेरे बाबा ने दुनिया में हर चीज़ दी पाने वाला न पाये तो वो क्या करे
शक्ल दी अक्ल दी दे दिया कुल जहां मुँह दिया मुँह में दे दी है मीठी ज़ुबां
हर तरीका सलीका दिया आदमी काम ही में न लाये तो वो क्या करे
दिया सीने में दिल दिल में अरमां दिए और मोहबत के मोती मेहरबाँ दिए
आदमी को तो वो भूला ही नही आदमी भूल जाये तो वो क्या करे
जीना चाहा तो जीने को दी जिंदगी मेरे बाबा ने बन्दे को दी बंदगी
बंदगी बंद कर आदमी आग के खद ही अंगारे खाए तो वो क्या करे
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