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शनिवार, 25 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-122 (Gurudev Ke Bhajan122)




तेरे दर पे आया हूँ बनके भिखारी  फ़खत चाहता हूँ मै भक्ति तुम्हारी 

बाबा तेरा ही प्यार हो मेरे मन में ,
बीते ये जीवन तेरी ही शरण में 
करूँ पूजा निशदिन मै बनकर पुजारी 

है भूले से भी तेरे द्वारे जो आता 
मिटाते हो दुःख दर्द तनके विधाता 
लाखों की तूने है बिगड़ी संवारी 

नही दिल में ख्वाहिश  कोई और भगवन 
बक्शो मुझे अपनी भक्ति का ही धन 
झोली है मैने दर पे पसारी 

है विनती बाबा जी चरण में  तुम्हारे  
तेरा दास हूँ  मै तेरे ही सहारे 
करो मुझपे रहमत की नज़रे प्यारी 



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