हे बाबा जी इतनी कृपा तुम करो तेरे चरणों में ध्यान लगाया करूँ
कर इस्नान प्रेम की गंगा में गुणगान मै तेरा ही गाया करूँ
भरदो भक्ति नाम की अंतर में यही विनती तुमसे है बाबा मेरी
करूँ सिमरण तेरा गुण गाउँ सदा हे नाथ यही इच्छा है मेरी
तेरा दर्शन मै हरदम पाऊँ बाबा तुझे मन में अपने बसाया करूँ
तेरे नाम की माला मै फेरा करूँ भरदो बाबा जी मुझमेँ ऐसी लगन
तेरे चरणो में मन मेरा रमा रहे होठों पे रहे तेरे नाम की रट्टन
हृदय में बसो हे नाथ मेरे तेरे चरणों से प्रीत लगाया करूँ
बड़ी तेज़ समय की रफ़्तार है और कम रह गई जिंदगी की घडी
करदो नैया तुम भव से पार मेरी इक यही बाबा तुमसे है विनती मेरी
लेके आधार तेरे नाम का मै जीवन को सफल बनाया करूँ
________________________________****________________________________
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें