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शनिवार, 25 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-128 (Gurudev Ke Bhajan128)




बाबा जी तेरे दर पर बतलाओ कैसे आये 
दिल डूबा है भंवर में पग कैसे हम उठायें 

बाबा जी दिल में गम के तूफ़ान उठ रहे है 
दुनिया ने गम दिए जो उन्हें कैसे हम बतायें 

अब तो लो सुध हमारी रो रो के आँखे हारी 
तेरे सिवा भी किसको हम दास्ता सुनाये 

गर्दिश भरा समा है आंसू बने ज़ुबां है 
चमकाओ मेरी किस्मत अफ़साना ये सुनाये 

बाबा जी रक्षा करना मेरे सिर पे हाथ धरना 
देखो कदम हमारे हरगिज़ न डगमगाए 


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