गम से हमें बचा ले ओ घाटगेट वाले , करदे ज़रा उजाले ओ घाटगेट वाले
पापों की रात काली सच धर्म से है खाली
दाता सखा न कोई सारा जहाँ सवाली
दर पर तेरे पड़े है सतगुरु हमें उठा ले
चेहरा तेरा नूरानी बख्शिश तेरी लासानी
तू है प्रभु का दर्पण मीठी है तेरी वाणी
रहमत से अपनी धो दे पापों के दाग काले
दिल तोड़ न किसी का रोता है दिल किसी का
तेरे दर्शनों से खाली जीना है रोग जी का
इसे प्रेम से तू भरदे दिल है तेरे हवाले
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