मोरे सतगुरु आये आगनिया भाग उठे जाग बनी जोगनिया
आज कब की मुरादें पूरी हुई ,जब देखा तुझे मेरी ईद हुई
आये मेरे जो द्वार पहने फूलों के हार
आज ख़ुशी मनाये सारी ये दुनिया
मेरा बरसो का सपना पूरा हुआ तेरे आने से ये घर आँगन खिला
आई ख़ुशी की बहार लेके सपने हज़ार
क्यों न नाचूँ मै होकर बावरिया
मेरे जीवन के तुम रखवाले हो मेरी बिगड़ी बनाने वाले हो
मिला तेरा जो साथ ओ अनाथों के नाथ
तेरे नाम की बन गई जोगनिया
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