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मंगलवार, 28 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-157 (Gurudev Ke Bhajan157)




जग से निराला बाबा का दरबार देखया 
तेरे दर पे सज़दा करता मै संसार देखया 

तेरे दर पे जो भी आता मुँहमांगी मुरादें पाता 
खाली झोली को तुझसे बाबा भ्र्राके जाता 
तेरे दर से लोटा कोई न बेज़ार देखया 

जिस ओर नज़र डाले वहाँ  हो जाएं उजाले 
पीके प्याला नाम का तू झूम ले मतवाले 
अमृत के घूँट पीता मै संसार देखया 

ओ दो जहाँ के वाली झोली है मेरी खाली 
तेरे दर पे बाबा आई बनकर के इक सवाली 
रहमत से भरा तेरा ,मै भंडार देखया 

दरबार तेरा आला संसार से निराला 
तेरे ज्ञान का ये दीपक घर घर करे उजाला 
मेहरों का तेरा बाबा मै भंडार देखया 


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