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शनिवार, 25 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-132 (Gurudev Ke Bhajan132)




हे महानंद बाबा तेरी शरण में आया हूँ 
मुझ पर भी कृपा करना मै दुःख का सताया हूँ 

तुम सबके स्वामी हो तुम अन्तर्यामी हो 
तुम कष्ट  मिटाते हो दुनिया  को बचाते हो 
तुम बहुत दयालु हो ये सुनकर आया हूँ 

दुखिया यहाँ आता है उम्मीदें लाता है 
गुरु जी की कृपा से सब दुःख मिट जाता है 
तूने सबको उबारा है ये सुनकर आया हूँ 

बाबा तेरी नज़रों में सब एक बराबर है 
मेरा मन ये कहता है सच्चा ये तेरा दर है 
बाबा तेरी ये महिमा मै सुनता आया हूँ 



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