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मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-96(Gurudev Ke Bhajan96)




जब देखा निगाह पसार बीच संसार एक ही द्वारा 
बाबा बिन कौन हमारा 

मतलब का हर इक नाता है  मतलब बिन कोई नहीं चाहता है 
मतलब का ये संसार देखा सारा 

यहाँ ज्ञान की ज्योति जल रही है यहाँ निर्मल गंगा चल रही है 
यहाँ आके सबको मिलता है सहारा 

तेरी मूरत लगती प्यारी है मोहे आस दर्श की भारी है 
जी चाहे कब देखूँ ये आन नज़ारा 



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