चलो चलो रे बाबा के धाम जय जय बोले , बाबा के भवन पे काहे मन डोले
घाटगेट में धाम बाबा का चलो सभी नरनारी
बाबा जी के धाम पहुँचकर सुख पाये हम भारी
दिल में तू विश्वास जमाले छोड़ अासरा दूजा
वो सबकी घट घट की जाने करले उसकी पूजा
तू भी तो अब नाम सुमिर ले सारी उम्र गुजारी
कब जाने करनी पड़ जाए चलने की तैयारी
कभी तेरा विश्वास डिगे न करले मन को पक्का
बाबा तेरे मन में रहते काहे जाए मक्का
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