दरबार में मेरे बाबा के दुःख दर्द मिटाये जाते है
गर्दिश के सताए लोग यहाँ सीने से लगाये जाते है
ये महफ़िल है मतवालों की हर भक्त यहाँ है मतवाला
भर भर के जाम इबादत के यहाँ खूब पिलाये जाते है
जिन भक्तो पर ऐ जगवालो है खास इनायत इस दर की
उनको ही संदेसा आता है दरबार बुलाये जाते है
मत घबराओ ऐ जगवालो इस दर पे शीश झुकाने से
ऐ नादानों इस दर पर तो सर भेंट चढ़ाये जाते है
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