बाबा तेरा दर्श क्यों हम पा नही सकते
आके तेरे दर पे खाली जा नही सकते
कौन सी है भूल हुआ क्या कसूर है
बिन दर्श के न लौटना दस्तूर है
शरण आये है क्षमा क्या पा नही सकते
आज किस्मत ने किया मज़बूर है
क्यों किया मुझको नज़र से दूर है
हम तो टूटा दिल तुझे दिखला नही सकते
गम का सहना अब हुआ दुश्वार है
बिन दर्श जीना हुआ बेकार है
दिल में क्या क्या अरमां है बतला नही सकते
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