बाबा जी तेरे द्वारे पर इक दुखिया अर्ज करे
तुम बिन कोई नहीं मेरा जो विपदा मेरी हरे
मेरे बाबा तुम हो भोले ,सारे जग के तुम रखवाले
फिर मेरी बारी पे बाबा क्यों न ध्यान धरे
तूने लाखों को पार उतारा ,सबकी विपदाओं को है टारा
मुझसे बाबा रूठ गए क्यों ,विपदा कौन हरे
बाबा भूलें मेरी बिसरा दो ,चरणों में अपने मुझे जगह दो
बेटी से तुम दूर रहो ,दिल कैसे धीर धरे
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