याद सताए मोहे दर्शन की , दर्शन की गुरु चरणन की
कासे कहूँ मै दर्द अपना ,जग है सारा इक सपना
तुम बिन कौन सुने मन की
बहुत दिनों के तुम बिछड़े आके दूर करो दुखड़े
आस लगी गुरु चरणन की
तुम बिन कौन सहाई है ,विपदा मुझ पर आई है
भटकाए माया पद धन की
याचक मांगे भक्ति डेरी,दर पे खड़ी हूँ सवाली तेरी
दासी बना लो चरणन की
सतगुरु दर्श दिखा जाओ ,प्यास को आके मिटा जाओ
आस पुजा दो मेरे मन की
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