लगता प्यारा मुझे बाबा जी धाम प्यारा मुझे लगता
जहाँ लाल झंडे है झूलते भवन न्यारा मुझे लगता
तेरे भवन की शोभा तो सारे जग से निराली है
तेरे दरवाजे से कोई जाये न खाली है
बाबा तेरी खुदाई को माने जग सारा है
हर दीन दुखी को यहाँ मिल जाता सहारा है
दरबार है बाबा तेरा सारे जग से ऊँचा
पाई मंज़िल उसने निश्चय लेके जो पहुँचा
बाबा तेरी ज्योति तो सबका मन हरती है
भवजाल से मुक्त करे सन्ताप को हरती है
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