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बुधवार, 15 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-57 (Gurudev Ke Bhajan-57)




 बाबा आ  जाओ 
तेरे दर  पे हम आ ही गए दुनिया  से न डरेंगे 


दिल में है तू   सांसो में तू ,मेरा तो बस तू ही तू 
तेरे नाम करदूं ये ज़िंदगानी मेरी यही आरज़ू 

फूलो में तू कलियों में तू ,पत्तियों में तू ही तू ,
तू  ही बसा  है हर उपवन में फूलों की तू खुशबू 

साज़ भी तू आवाज़ तू अंजाम आगाज़ तू
,तेरे बिना कुछ न मेरा तू ही मेरी जुस्तजू 






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