मिटेंगे दुःख तन के खिलेंगे फूल मन के
चलो जी चलो जी बाबा के दरबार
बाबा के मंदिर के सुन्दर नज़ारे
गाये भजन प्रेमी बोलें जयकारे
नज़ारे दर्शन के है बीच भवन के
चलो जी चलो जी बाबा के दरबार
महानंद बाबा जी को जो भी ध्याते
भक्तो की पल में वो बिगड़ी बनाते
खज़ाने देवें धन के जी मन की लगन के
चलो जी चलो जी बाबा के दरबार
जो भी बाबा के दर पे है आते
सुख का वरदान इनसे है पाते
सभी दास बनके जी साथ भगतन के
चलो जी चलो जी बाबा के दरबार
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