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सोमवार, 13 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-42 (Gurudev Ke Bhajan-42)






दिल खाए हिचकोले ऐसे जैसे नैया डोले 
तेरे दर पे आया हूँ आस ये लाया हूँ 
मुझे  शरण लगाओ मुझे मत ठुकराओ 
बाबा गम का सताया हूँ -------------------------------- -आस ये लाया हूँ 


बाबा दर तेरे आता रहूँ , चरणों में शीश मै झुकाता रहूँ
दिल में तुझको  बसाके बाबा चरणों  में ध्यान लगाता रहूँ 
बाबा मुझे न भुलाना अपनी  शरण लगाना 
जग का ठुकराया हूँ ------------------------------------आस ये लाया हूँ -



तुम तो जगत के दाता हो ,मेरे पिता और माता हो 
सबकी विपदा  दूर करो ,सबके भाग्य विधाता हो 
पड़ी भंवर में नैया तेरे बिन न खिवैया 
दुखिया दर आया हूँ-------------------------------------आस ये लाया हूँ 




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