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सोमवार, 13 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-43 (Gurudev Ke Bhajan-43)

दिल में मेरे आस लगी कब तू दर्श दिखायेगा , मेरी आस पुजायेगा , जीवन जोत जगायेगा


आस लगाये कबसे बैठे , बाबा तेरी राहों में
नित तेरा गुणगान करें हम गली गली और घर घर में
नैन दर्श के प्यासे है ये तू कब प्यास मिटाएगा


कब तक न सुध लोगे मेरी इतना तो बतलाओ तुम
आने का वादा जो किया था उसकी आन निभाओ तुम
चरणों की धूली पाने से जीवन सफल हो जायेगा


अर्ज करू सुन लेना बाबा हाथ जोड़ करती विनती
जो जो पाप किये है हमने उनकी मत करना गिनती
तेरा नाम पतित पावन है वो ही पार लगाएगा 


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