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सोमवार, 13 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-45 (Gurudev Ke Bhajan-45)




बाबा तेरा सहारा है तुझे  मैने पुकारा है , हर दुखी  को बाबा मिलता यहाँ साथ तुम्हारा है


ये जीवन सपना है न  कोई अपना है , बेकार ;है  सब बातें इक तू ही अपना है
तेरे दर जो आ जाये , भूले वो जग सारा है

 मंझधार में नैया है बाबा तू ही खिवैया है,डगमग डगमग डोले तू ही तो रखैया  है
सांसो का चलना भी उपकार तुम्हारा है


बाबा झूठे ये नाते है कब साथ निभाते है ,रोते हुए हम आये रोते हुए जाते है
सुखिया हम कहलाये बने तू जो हमारा है


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