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सोमवार, 13 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-48 (Gurudev Ke Bhajan-48)










 बाबा जी मेरी प्रार्थना स्वीकार कीजिये , दर्शन को देके पूरी मेरी आस कीजिये 

मै तो तेरे दरबार का हूँ इक भिखारी 
बाबा जी भक्ति प्रेम का तो दान दीजिये 

तेरे दर्श की खातिर तो मै भटकूँ इधर उधर 
दर्शन की प्यास मेरी पहचान लीजिये 

तेरे दर पे कुछ कमी नहीं ओ मेरे राहबर 
ज़रा मुझ गरीब पर भी कुछ ध्यान दीजिये 

मांगू दर्श की भीख सदा कुछ तो कर्म कर 
अपनी मेहर की नज़रों से एहसान कीजिये 

कबसे  पुकारू तुझको मै ओ मेरे रहगुजर 
अपनी इनायतो का तो फरमान कीजिये 

कर दीजिये क्षमा मुझे हुई भूल जो कोई कोई 
 बच्चा समझ के भूल मेरी माफ़ कीजिये 



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