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सोमवार, 13 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-49 (Gurudev Ke Bhajan-49)





मौसम है सुहाना पवन जगाये भोर,बाबा तेरे भवनों पे नाचे मन मोर

जाने ये कैसा तूने जादू जगाया ,अलख निरंजन का ज्ञान कराया
मस्ती का ये आलम पपीहा मचाये शोर

झूमके जब भी चले पुरवैया ,रहमत की तेरी बाबा मिले जब छैंया
मेघ सी छा जाए घटायें घनघोर

रूप तेरा बाबा है कितना अनोखा ,ये सारी दुनिया है धोखा ही धोखा
छोड़ के जग सारा मै आई तेरी ओर

पकडे चरण तेरे लाज सदा रखना ,मुझे न भुलाना बाबा ध्यान मेरा  रखना
हरदम  बाट निहारू मै तेरी चितचोर

नैया है मेरी बाबा तेरे हवाले भंवर में डूब रही मुझको बचाले
तेरे हाथो सोंपी है मैने अपनी डोर 



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