बाबा जी कद म्हारी अर्ज सुणोला अर्ज सुणोला म्हारी विनती सुणोला
गहरी गहरी नदिया में नाव पुराणी ,सर से ऊपर म्हारे चढ़ गयो पाणी
कद म्हाने पार करोला
तो सम दीनदयाल नहीं है ,मो सम दीन अनाथ नहीं है
कद म्हारी मदद करोला
निर्बल देह दया नहीं आवे काम क्रोध मद मार लगावे
कद म्हारी पीर हरोला
दास सभी थारा गुण गावे चरणकमल पे सीस झुकावे
कद सर पे हाथ धरोला
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