चलो फिर से हम अजनबी बन जाते है
रिश्ते सब कैसे खुद ब खुद बन जाते है
न तुम मुझे देखो यूँ बार बार पलट के
चलते चलते ही रुकना न फिर पलट के
मै भी न देखूँ तुम्हें नज़रें फेर लो पलट के
आ जाओ कभी जब सामने नज़रे दो चार हो जाएँ
कर लेना अगर तुमसे हो सके बातें दो चार हो जाएँ
कुछ नया रुख लेने को हम दोनों तैयार हो जाएँ
तुम भी अपनी नज़रे झुक लेना जब नैना मिल जाएँ
तुम फिर धीरे से शर्मा जाना जब ये होंठ सिल जाएँ
आके फिर चुपके से कुछ कह जाना जब ये दिल मिल जाएँ
@मीना गुलियानी
रिश्ते सब कैसे खुद ब खुद बन जाते है
न तुम मुझे देखो यूँ बार बार पलट के
चलते चलते ही रुकना न फिर पलट के
मै भी न देखूँ तुम्हें नज़रें फेर लो पलट के
आ जाओ कभी जब सामने नज़रे दो चार हो जाएँ
कर लेना अगर तुमसे हो सके बातें दो चार हो जाएँ
कुछ नया रुख लेने को हम दोनों तैयार हो जाएँ
तुम भी अपनी नज़रे झुक लेना जब नैना मिल जाएँ
तुम फिर धीरे से शर्मा जाना जब ये होंठ सिल जाएँ
आके फिर चुपके से कुछ कह जाना जब ये दिल मिल जाएँ
@मीना गुलियानी
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